शुक्रवार, 24 जुलाई 2009

संदल की हवा

रुबाइयाँ

दरो-दीवार पर चिपकी हुई मौसम की हवा,
लब-ए-नाज़ुक पे है सहमी हुई एक गम की हवा !
देखना चाहो, तो दिख जायेगी तुमको यारों--
हैरतअंगेज़ है, दहशत की वह वहशत की हवा !!

लोरियां अब नहीं देती किसी आँचल की हवा,
सूनी आँखों में है ठिठकी हुई सावन की हवा !
अब हवाओं में है कोई कशिश बाकी नहीं,
बहुत खामोश है दुबकी हुई हर घर की हवा !!

अब तो इन्सां को जलाती है इस फिदरत की हवा,
साँस में मिर्च मिला जाती है नफरत की हवा !
हाँ, ये शहर भी लगने लगा शमशान-सा है--
किसके सर नाचनेवाली है ये मरघट की हवा ?

आज सरगर्म है कानून के जंगल की हवा,
हर गली- कूचे में फैली है ये दंगल की हवा !
होश में आओ, हो जाओ करीने-से खड़े --
तुमको फिर छूने को बेताब है संदल की हवा !!

8 टिप्‍पणियां:

के सी ने कहा…

ओझा जी मैं राजस्थान के सीमान्त छोर पर रहता हूँ इन दिनों मौसम कुछ मेहरबान है तीन दिन से सूरज दिखा नहीं है और पानी की फुहारें भली सी लगती है कोई दस दिन से ढंग से किसी का ब्लॉग नहीं देख पाया हूँ .... खैर कहना ये चाह रहा था की बहुत दिनों बाद रुबाइयां पढ़ने को मिली और वे भी इतनी दिलकश कि मौसम की भीगी-भीगी हवा में कुछ नशा सा तैरने लगा है.

मुकेश कुमार तिवारी ने कहा…

आनन्दवर्धन जी,

सच्चे मन से लिखी हुई रूबाईयाँ, अंतरतम सुकून देती है। आज के हालातों पर पैना नज़रिया, सुलझा हुआ दृष्टीकोण रचना को सार्थकता प्रदान करता है।

सादर,

समानधर्मा - मुकेश कुमार तिवारी

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

संदल की इस हवा ने तो फ़िज़ा ही बदल दी. कितना बडा सच कितनी सुलझी कलम से!! लगता है, कि जैसे बस अब इस कुशासन के प्रति आक्रोश चरम पर है. बहुत सुन्दर. बधाई.

ज्योति सिंह ने कहा…

लोरियां अब नहीं देती किसी आँचल की हवा,
सूनी आँखों में है ठिठकी हुई सावन की हवा !
अब हवाओं में है कोई कशिश बाकी नहीं,
बहुत खामोश है दुबकी हुई हर घर की हवा !!

dil ko sparash karati hui rachana .behad khoobsurat ,jawab nahi .

daanish ने कहा…

loriiaaN ab nahi deti kisi aanchal ki hawaa.....

huzoor , mn ko kaheeN gehre-se kachot`te hue talkh jazbaat ka kis khoobsurti aur sanjeedgi se izhaar kiya hai...
mubarakbaad qubool farmaaeiN.
---MUFLIS---

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आनन्द वर्धन ओझा जी।
सभी रूबाइयाँ आपने दिल से लिखीं हैं।
आभार।

ओम आर्य ने कहा…

sandal ko hawa me gaharai bahut hai ....is gaharai me dubakar maja aa gaya.....sundar

बेनामी ने कहा…

hi avojha.blogspot.com blogger found your website via search engine but it was hard to find and I see you could have more visitors because there are not so many comments yet. I have discovered website which offer to dramatically increase traffic to your website http://cheap-mass-backlinks.com they claim they managed to get close to 4000 visitors/day using their services you could also get lot more targeted traffic from search engines as you have now. I used their services and got significantly more visitors to my site. Hope this helps :) They offer most cost effective services to increase website traffic Take care. Richard